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Friday, December 28, 2018




क्या आप करते है ये घरेलु उपाय इस खतरनाक बीमारी के लिए ?? ये लेख आपके लिए ही बनाया गया है बहुत सारे डॉक्टरों की टीम से बात करने के बाद। इसे जरूर पढ़े और कमेंट में अपना प्रश्न  पूछ  सकते है।

थायरॉइड की समस्या आजकल बहुत ही आम हो गयी है पहले ऐसा माना जाता था कि थायरॉइड की समस्या करीब 40 से ज्यादा की उम्र में ही होती थी लेकिन आजकल तनाव, खानपान और रहन सहन के तरीकों की वजह से आप इस बीमारी को किसी भी ऐज ग्रुप में देख सकते है, यह दो प्रकार का होता है-
1.
हाइपोथायरॉइडिज्म: इसमें वजन बढ़ने लगता है और भूख कम लगती है, हाथ पांव में सूजन आ जाती है और हमेशा सुस्ती और ठंड लगने लगती है।
2.
हाइपरथायरॉइडिज्म: इसमें मरीज का वजन कम हो जाता है और उसे बार-बार भूख लगती है।
थायरॉइड की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है, थायरॉइड नामक एक ग्रंथि हमारी बॉडी पायी जाती है जिसमें थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित होता है, इसी हॉर्मोन की मात्रा कम या ज्यादा होने से इस समस्या का सामना करना पड़ता है। आज हम आपसे थायरॉइड की समस्या से बचाव के घरेलू नुस्खों (Home Remedies For Thyroid Problem) के बारे में बात करेंगें।

थायरॉइड की समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies For Thyroid Problem) :-

1. 
थायरॉइड की समस्या को कम करने में नारियल का पानी बहुत ही लाभकारी होता है।
2. 
थायरॉइड के मरीजों को चावल, मैदा, मिर्च-मसाले, खटाई, मलाई, अंडा, अधिक नमक का प्रयोग करना बंद कर देना चाहिये और सादा नमक की जगह पर सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिये।
3. 
थायराइड से पीड़ित रोगी को तली-भुनी चीजें, चीनी, चाय, कॉफी, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. 
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए क्योंकि दूध और दही में अधिक मात्रा में कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स पाये जाते है।
5. 
अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयराइड की प्रॉब्लम को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
6. 
थायरॉइड में मरीजों को सोयाबीन, जंक/फ़ास्ट फ़ूड, ब्रोकली, फूलगोभी, बंदगोभी, मूली आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिये।
7. 
थायरॉइड के मरीजों को अपनी रोजाना की डाइट में पनीर, हरी मिर्च, टमाटर, प्याज, मशरुम, गाजर आदि चीजों को जरूर शामिल करना चाहिये।
8. 
थायरॉइड की समस्या को दूर करने के खाना बनाने में नारियल तेल का इस्तेमाल करना चाहिये और रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिये।
9. अखरोट और बादाम:- अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्‍व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्‍या के उपचार में फायदेमंद है। 1 आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है। अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्‍म (थॉयराइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है।
10.लौकी का जूस :- रोज सुबह खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पिएं, फिर आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं-पिएं थाइरॉयड से राहत मिलेगी
11.धनिए का पानी :- एक गिलास पानी में 2 चम्‍मच साबुत धनिया रातभर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को उबालें और इसमें चुटकीभर नमक डालकर पी लें।


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क्या आप करते है ये घरेलु उपाय इस खतरनाक बीमारी के लिए

क्या आप करते है ये घरेलु उपाय इस खतरनाक बीमारी के लिए ?? ये लेख आपके लिए ही बनाया गया है बहुत सारे डॉक्टरों की टीम से बात करने के ...

Monday, December 17, 2018

साइलेंट किलर नाम से मशहूर इस बीमारी को बहुत ही खतरनाक माना जाता है।  आइये जानते है क्या इस इस बीमारी का उपाय 

थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्‍योंकि इसके लक्षण व्‍यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी के बारे में पता चलती है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्‍सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।

आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है। थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है यानि जो खाना हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह मांसपेशियों, हृदय, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।

थायरॉइड की समस्या आजकल बहुत ही आम हो गयी है पहले ऐसा माना जाता था कि थायरॉइड की समस्या करीब 40 से ज्यादा की उम्र में ही होती थी लेकिन आजकल तनाव, खानपान और रहन सहन के तरीकों की वजह से आप इस बीमारी को किसी भी ऐज ग्रुप में देख सकते है, यह दो प्रकार का होता है-
1. हाइपोथायरॉइडिज्म: इसमें वजन बढ़ने लगता है और भूख कम लगती है, हाथ पांव में सूजन आ जाती है और हमेशा सुस्ती और ठंड लगने लगती है।
2. हाइपरथायरॉइडिज्म: इसमें मरीज का वजन कम हो जाता है और उसे बार-बार भूख लगती है।
थायरॉइड की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है, थायरॉइड नामक एक ग्रंथि हमारी बॉडी पायी जाती है जिसमें थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित होता है, इसी हॉर्मोन की मात्रा कम या ज्यादा होने से इस समस्या का सामना करना पड़ता है। आज हम आपसे थायरॉइड की समस्या से बचाव के लिए हम आपको बता रहे है बहुत लाभदायक योगासन के बारे में ।

1. भुजंगासन : भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन के तरह उठाया जाता है। भुजंगासन की जितनी भी फायदे गिनाए जाएं कम है। भुजंगासन का महत्व कुछ ज्यादा ही है क्योंकि यह सिर से लेकर पैर की अंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है। अगर आप इसके विधि को जान जाएं तो आप सोच भी नही सकते यह शरीर को कितना फायदा पहुँचा सकता है। 
भुजंगासन कैसे करे : 
  • आप सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
  • अब अपने हथेली को कंधे के सीध में लाएं।
  • दोनों पैरों के बीच की दुरी को कम करें और पैरों को सीधा एवं तना हुआ रखें।
  • अब साँस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं।
  • ध्यान रहे की कमर पर ज़्यदा खिंचाव न आये।
  • अपने हिसाब से इस आसान को बनाए रखें।
  • योगाभ्यास को धारण करते समय धीरे धीरे स्वाँस लें और धीरे धीरे स्वाँस छोड़े।
  • जब अपनी पहली अवस्था में आना हो तो गहरी स्वाँस छोडते हुए प्रारम्भिक अवस्था में आएं।
  • इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ।
  • शुरुवाती दौर में इसे 3 से 4 बार करें।
  • धीरे धीरे योग का धारण समय एवं चक्र की नंबर को बढ़ाएं।



2. नाड़ी शोधन: नाड़ी शोधन प्राणायाम के मुख्य प्रकारों में एक है। नाड़ी शोधन प्राणायाम शरीर की अशुद्धियों को दूर करने के लिए किया जाने वाला प्राणयाम है। अन्य प्राणायाम की तरह इस प्राणायाम में भी सांस लिया और छोड़ा जाता है। नाड़ी शोधन प्राणयाम से खून तो साफ़ होता ही है साथ ही खून में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे नाड़ी शोधन प्राणयाम किया जाता है

नाड़ी शोधन प्राणयाम करने का तरीका:


पालथी मार कर बैठ जाएं: 
सबसे पहले पालथी मार कर बैठें। दायें पैर को बाएं पैर के ऊपर और बाएं पैर को दायें पैर के ऊपर रखें। अपने दोनों हाथ अपने जांघों पर रखें और रिलैक्स हो जाएं और अपनी आंखें बंद करें। यह प्राणायाम करने के लिए किसी साफ सुथरे कमरे का चुनाव करें।
दायीं नाक बंद करें: 
अपने दायें हाथ को अपने चेहरे की तरफ लायें और अपने दायें हाथ के अंगूठे से दायीं नाक को बंद करें।
बायीं नाक से सांस ले: 
दायीं नाक बंद करने के बाद अपनी बायीं नाक से धीरे-धीरे एक गहरी सांस लें। जब फेफड़े हवा से भर जाए तब उतने समय के लिए सांसें रोके जितने समय में आपने सांस ली थी। धीरे धीरे सांसों को छोड़ें। सांस छोड़ने में भी उतना समय लगायें जितना आपने सांस लेने में लिया था। पूरी तरह से सांस छोड़ने के बाद दायीं नाक से अंगूठा हटायें और दोनों हाथों को अपने जांघ पर वापस रख लें।
बायीं नाक बंद करें: 
अपने बाएं हाथ को अपने चेहरे की तरफ लायें और अपने बाएं हाथ के अंगूठे से बायीं नाक को बंद करें।
दायीं नाक से सांस लें: 
अपने दायीं नाक से धीरे-धीरे एक गहरी सांस लें। जब फेफड़े हवा से भर जाए तो अपनी सांस रोके। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़े। सांस छोड़ने में भी उतना समय लगायें जितना आपने सांस लेने में लिया था।

नाड़ी शोधन प्राणयाम करने दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतें: 
*नाड़ी शोधन प्राणयाम करते समय सांस उतना हीं रोकें जितना आपका सामर्थ्य हो।
*अगर आप अस्थमा के मरीज हैं या फिर किसी भी तरह के हृदय रोग से पीड़ित हों तो ये प्राणायाम न करें।
*अगर आप ज्यादा देर तक ये प्राणायाम करने में असमर्थ हो तो इसे कम समय के लिए ही करें।
*ये प्राणायाम खाली पेट ही करें।

3. मत्स्यासन: मत्स्यासन संस्कृत शब्द मत्स्य से निकला है जिसका अर्थ होता है मछली। मत्स्यासन योग पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है। इसमें शरीर का आकार मछली जैसा प्रतीत होता है इसलिए इसको Fish Yoga Pose के नाम से भी जाना जाता है। अगर इसको सही विधि के साथ किया जाए इसके स्वस्थ लाभ अनेक हैं। मत्स्यासन योग गले एवं थाइरोइड के लिए एक उत्तम योगाभ्यास है। यह आपके पेट की चर्बी को कम करता है और कमर दर्द से राहत दिलाता है।


मत्स्यासन योग कैसे करें ?

  • साधक सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं।
  • धीरे-धीरे पीछे झुकें और पूरी तरह पीठ पर लेट जाएं।
  • बाएं पांव को दाएं हाथ से पकड़े और दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें।
  • कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें।
  • घुटने जमीन से सटे होनी चाहिए
  • अब आप सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
  • या हाथ के सहायता से भी आप अपने सिर को पीछे गर्दन की ओर कर सकते हैं।
  • धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • इस अवस्था को अपने हिसाब से मेन्टेन करें।
  • फिर लंबा सांस छोड़ते हुए अपने आरम्भिक अवस्था में आएं।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

  • थाइरोइड का इलाज मत्स्यासन से: थाइरोइड के इलाज के लिए मत्स्यासन रामबाण का काम करता है। इस आसन से गर्दन वाले हिस्से में पाए जाने वाले थाइरोइड और पारा थाइरोइड का अच्छी तरह से मालिश हो जाता है जिससे थायरोक्सिन हॉर्मोन के स्राव में मदद मिलती है। यही थायरोक्सिन हॉर्मोन थाइरोइड के इलाज के लिए एक अहम भूमिका निभाता है।
4.सर्वांगासन: सर्वा का मतलब होता है सभी। इसका अर्थ यह हुआ कि वैसा आसन जो शरीर के हर भाग या अंगों को प्रभावित करता हो। स्वस्थ के लिए इस आसन की सार्थकता यहीं तक सीमित नहीं होती है। बल्कि योग एवं योग थेरेपी में सर्वांगासन का महत्व बहुत ज़्यदा है क्योंकि यह आपके स्वस्थ के साथ साथ शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर आपको बहुत आगे तक लेकर जाता है। शायद ही कोई ऐसी परेशानी या बीमारी हो जिसको यह आसन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में प्रभावित न करता हो। यह कंधों पर खड़े होने वाला आसन है और इसे उत्तानपादासन एवं विपरीतकरणी मुद्रा का विकसित रूप कहा जा सकता है।


सर्वांगासन कैसे करें ?

  • पीठ के बल लेट जाएं।
  • हाथों को जांघों के पास रखें।
  • अब आप अपनें पैरों को पहले 30 डिग्री पर फिर 60 डिग्री और उसके बाद 90 डिग्री तक ले कर जाएं।
  • हाथों को दबाकर नितंब ऊपर की ओर उठाते हुए पांवों को सिर की ओर लाएं।
  • सहारे के लिए हथेलियां पीठ पर रखें।
  • आप अपने शरीर को सीधा इस तरह से करते हैं कि ठोड़ी छाती पर आकर लगें।
  • ठोड़ी छाती पर इस तरह से लगाते हैं की गर्दन के थाइरोइड वाले हिस्से में दबाब पड़े।
  • अपने हिसाब से इस मुद्रा को धारण करें।
  • फिर पैरों को पहले 60 डिग्री पर फिर 30 डिग्री और धीरे-धीरे मूल अवस्था में लौटें।
  • जब आप नीचे लौटते हैं तो अपने हाथों को नितंब के नीचे लाएं ताकि आप अपने शरीर को बेगैर किसी चोट के आरंभिक अवस्था में ला सके।





इन योगासनो की मदद से आप थाइरोइड जैसे खतरनाक बीमारी को भी आसानी से मात दे देंगे। 

हम आपको अगले लेख में कुछ घरेलु उपाय बताएँगे जो की थाइरोइड को ख़तम करने में वरदान साबित होगी 


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साइलेंट किलर नामक बीमारी को खत्म करे योग से ।

साइलेंट किलर नाम से मशहूर इस बीमारी को बहुत ही खतरनाक माना जाता है।  आइये जानते है क्या इस इस बीमारी का उपाय  थायराइड को साइलेंट किलर मान...

 

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