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Wednesday, August 29, 2018


नपुंसकता को आज के जमाने में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहते हैं। अगर एक शख्स को लगातार सही उत्तेजना न आए या आने के बाद वह उसे मेंटेन न कर सके और सहवास पूरी तरह से करने में असफल रहे तो उसे नपुंसकता कहते हैं।

नपुंसकता दो तरह की होती है: मानसिक और शारीरिक। मानसिक नपुंसकता में कई बार पुरुष को, एक परिस्थिति में सही उत्तेजना आती है, जबकि दूसरी परिस्थिति में नहीं आती है। मिसाल के तौर पर जब वह मास्टरबेशन करता है तो उसे सही उत्तेजना आ जाती है और जब वह सहवास करता है तो सही उत्तेजना नहीं आती। शारीरिक नपुंसकता में किसी भी परिस्थिति में पुरुष को सहवास के योग्य सही उत्तेजना नहीं आती।
मानसिक नपुंसकता दिमाग से जुड़ी रहती है, जिसमें भय, चिंता और हीन-भावना मुख्य वजह होती हैं। शारीरिक नपुंसकता ज्यादातर जननांग में ब्लड सप्लाई की कमी की वजह से, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से आ सकती है। कमी का सही निदान करके नपुंसकता का इलाज आसानी से किया जा सकता है।


अगर आप भी नपुंसकता की वजह से शर्मिंदगी महसूस कर रहे है तो अब बिल्कुल भी घबराने की जरुरत नहीं है । क्यों की अगर आप इस बीमारी को जड़ से खत्म करना चाहते हो तो आपको आयुर्वेदिक दवाई अपनाना पड़ेगा । 


महापावर एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जो पुरुषो के किसी भी प्रकार के सेक्स बिमारिओ में पूरी तरह से काम करता है। ये आयुर्वेदा का अदभुत खोज है जिसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है।  

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क्या इलाज है नपुंसकता का?

नपुंसकता को आज के जमाने में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहते हैं। अगर एक शख्स को लगातार सही उत्तेजना न आए या आने के बाद वह उसे मेंटेन न कर सके ...

Tuesday, August 14, 2018


शुगर को नियंत्रित करने वाले 5 घरेलू उपाय-
1- भिंडी- 4 से 5 भिंडी एक कांच के बर्तन में पानी में काट कर रख दीजिए। सुबह तक उसमें भिंडी गल जाएगी अब आप उस पानी को पी लीजिये इस पानी से शुगर लेवल कंट्रोल हो जाता है।
2- नीम- नीम व गिलोय की दातुन करें दातुन करते समय जो पानी मुंह में आए उसे बाहर ना निकालें बल्कि अंदर ही गटक लें। इसे आप अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। इससे भी शुगर लेवल काबू में रहता है।
3- जामुन- जामुन एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियाँ, फूल, फल, गुठलियां सब शुगर कंट्रोल करने में काफी अच्छी मानी जाती है। जामुन के बीज आप सुखा कर पीस लीजिये। इनका चूर्ण आप नियमित रूप से लीजिये काफी फायदा करेगा। यह चूर्ण आप दिन में दो बार लीजिये काफी लाभ होगा।
4- एलोवेरा- एलोवेरा भी मधुमेय रोग के लिए काफी अच्छा स्त्रोत है। आप चाहें तो एलोवेरा की सब्जी बना कर भी खा सकते हैं। आप चाहें तो इसका चूर्ण भी बना कर रख सकते हैं या फिर इसका रस भी आप पी सकते हैं। यह शुगर कंट्रोल करने का रामबाण ईलाज है।
5- गेंहू की ज्वारी-
गेंहू की ज्वारी यानि के गेंहू को मिट्टी में दबा कर उससे जो हरी हरी घास निकलती है, उसे गेंहू की ज्वारी कहा जाता है। यह शुगर के मरीजों के लिए एक बेहतरीन तोहफा है। इसे भी आप अपनी डाइट में शामिल कीजिए। 5 से 7 दिन की जो ज्वारी है वो आपके लिए और भी फायदा करेगी यह रक्त में शर्करा के प्रभाव को कम कर देती है। इसका जूस निकाल कर या फिर ऐसे ही आप इसे खा सकते हैं।

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शुगर को नियंत्रित करने वाले 5 घरेलू उपाय

शुगर को नियंत्रित करने वाले 5 घरेलू उपाय- 1- भिंडी- 4 से 5 भिंडी एक कांच के बर्तन में पानी में काट कर रख दीजिए। सुबह तक उसमें भिंडी...

Wednesday, August 8, 2018


शुगर के लक्षण और कारण इन हिंदी: शुगर को मधुमेह और डायबिटीज के नाम से भी जानते है। बहुत से लोग पहले से ही इस रोग से प्रभावित है और एक शोध के अनुसार अगले कुछ सालों में शुगर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। अगर आप टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से बचना चाहते है तो डायबिटीज होने के कारण और लक्षण की जानकारी होना बहुत जरुरी है। आइये जाने sugar hone ke karan aur lakshan, diabetes in hindi.

टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज क्या है:-

किसी भी चीज से परेहज ना करना, कुछ भी खा पी लेना और इसके इलावा खाने पिने की गलत आदतें होना एक प्रकार से शुगर के रोग को बुलावा देना ही है। डायबिटीज 2 तरह की होती है type 1 और type 2.

टाइप 1: ये डायबिटीज अधिकतर छोटे बच्चों या फिर 20 साल से कम उम्र के लड़कों में होती है। मधुमेह टाइप 1 में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता।
टाइप 2:जो लोग शुगर से ग्रस्त होते है उनमें से अधिकतर टाइप 2 से ही प्रभावित होते है। इसमें बॉडी में इंसुलिन तो बनता है पर जो बनता है या तो वो ठीक से काम नहीं करता या फिर शरीर की जरुरत के अनुसार नहीं बनता।

शुगर के लक्षण और कारण:-

अगर आपको शुगर रोग के लक्षण पता हो तो आप शुरुआत में इसे पहचान कर इस रोग को बढ़ने से रोकने के उपाय और घरेलू नुस्खे कर सकते है, और अगर कारण पता हो तो मधुमेह से बचने के लिए आप ये जान सकेंगे की किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

शुगर होने के कारण:


  1. जो लोग जंक फ़ूड ज्यादा खाते है उनमें शुगर होने की सम्भावना ज्यादा होती है। इसका कारण ये है की खाने की ऐसी चीजों में fat अधिक होता है जिससे शरीर में जरुरत से ज्यादा कैलोरी बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ने लगता है, शरीर में प्रयाप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता और शुगर का लेवल बढ़ने लगता है।
  2. डायबिटीज एक अनुवांशिक (genetic) रोग भी है मतलब अगर परिवार में माता पिता को मधुमेह है तो उनके बच्चों को भी ये रोग होने की संभावना अधिक होती है।
  3. मोटापा और जरुरत से जादा वजन वाले लोगों को डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है। जाने मोटापा कम करने के उपाय
  4. शारीरिक श्रम ना करना भी diabetes reason में से एक है। कुछ लोगों की दिनचर्या ऐसी होती है की वे एक जगह बैठ कर काम करते है और ना ही व्यायाम के लिए समय निकालते है।
  5. हर समय तनाव में रहना या फिर डिप्रेशन से प्रभावित होना।
  6. धूम्रपान, तंबाकू या कोई दूसरा नशा करने से भी शुगर हो सकती है।
  7. जादा चाय, कोल्ड ड्रिंक्स, मीठा और चीनी का सेवन करना।
मधुमेह के लक्षण: शुगर के अनेक लक्षण है जिनमें से प्रमुख लक्षण यहां बताये जा रहे है। अगर किसी भी व्यक्ति को इनमें से ज्यादातर सिम्पटम्स दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जा कर टेस्ट करवाये।
  • ज्यादा भूख लगना
  • किडनी ख़राब होना
  • पेशाब बार बार आना
  • पानी की प्यास जादा लगना
  • आँखों की रौशनी कम लगना
  • रोगी के वजन में गिरावट आना
  • शरीर में कमजोरी महसूस करना
  • चोट और जख्म जल्दी ठीक ना होना
  • हाथों पैरों और गुप्तांग पर खुजली वाले जख्म होना
  • स्किन इंफेक्शन होना और बार बार त्वचा पर फोड़े फुंसी निकलना
शुगर से बचने के लिए क्या करे:-
अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से मधुमेह से प्रभावित है तो बिना डॉक्टर की सलाह के उसे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए और अगर किसी व्यक्ति में शुगर के शुरूआती लक्षण दिख रहे है तो कुछ घरेलु तरीके और उपाय कर सकता है।

  • मधुमेह का कारण ज्यादा मानसिक तनाव लेना भी है इसलिए जितना हो सके खुद को तनाव मुक्त रखे। इसके लिए आप योग और मैडिटेशन का सहारा भी ले सकते है।
  • जितना हो सके शारीरिक श्रम करे, अपना weight control में रखे और अच्छी नींद ले।
  • मधुमेह से बचने के लिए आहार अच्छा लेना चाहिए। फ़ास्ट फ़ूड, जादा मीठी चीजें, घी और तेल से बनी चीजें और शरीर का वजन बढ़ाने वाली चीजों से परहेज करना चाहिए।
  • शुगर के रोगी को अनुलोम विलोम और कपालभाति प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है।
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी मेडिसिन नहीं लेनी चाहिए।
  • डायबिटीज के रोगी को रेगुलर ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करवाते रहना चाहिए।
  • शुगर होने पर अपने पैरों का ख्याल रखे और चोट, घाव आदि से पैरों को बचाए। अगर कोई चोट लगे तो उसे नजरअंदाज ना करे।
डायबिटीज का उपचार करने के लिए घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे का सहारा ले तो बेहतर है। अंग्रेजी दवा डायबिटीज को कंट्रोल करती है पर इसे खत्म नहीं। अगर सही तरीके से इलाज और परहेज करे तो आयुर्वेदिक दवा से इस रोग को खत्म भी किया जा सकता है।

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शुगर के लक्षण कारण और बचाव के 5 उपाय : Diabetes Symptoms in Hindi

शुगर के लक्षण और कारण इन हिंदी: शुगर को मधुमेह और डायबिटीज के नाम से भी जानते है। बहुत से लोग पहले से ही इस रोग से प्रभावित है और एक शो...

Tuesday, August 7, 2018


जल्दी लम्बाई कैसे बढ़ाये उपाय इन हिंदी: हाइट बढ़ाने के तरीके में अब तक हम ने एक्सरसाइज, योग के बारे जाना है और हम ने ये भी जाना तेज़ी से लम्बाई बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। 18, 20 और 25 साल की उम्र के लड़के और लड़की जिनकी ऊंचाई ज्यादा नहीं बढ़ती, उनके मन में अक्सर कुछ सवाल होते है जैसे की कितनी ऐज तक height growth होती है, हाइट कब तक बढ़ती है, लम्बाई कितने साल तक बढ़ती है और क्या 22 और 25 साल की उम्र के बाद कद बढ़ सकता है। आज इस लेख में इन सब सवालों के जवाब जानेंगे और साथ ही हाइट बढ़ाने के घरेलू नुस्खे और तरीके जानेंगे। आइये जाने how to increase height after 18 and 20 age, tips in hindi for male and female.

हाइट बढ़ाने के लिए कुछ लड़के और लड़कियां जिम जाने की सोचते है पर उन्हें भी कुछ सवाल आगे बढ़ने से रोकते है जैसे की क्या जिम करने से हाइट बढ़ती है, क्या जिम करने से हाइट रूकती है । तो इसका जवाब है gym करके आप अपना कद बढ़ा सकते है बस आपको जिम में हाइट बढ़ाने की एक्सरसाइज मालूम होनी चाहिए। अगर आप जिम में वर्कआउट करते है और साथ ही अपनी लंबाई बढ़ाने की भी सोचते है  तो ज्यादा वजन उठाने से बचे और अपने जिम ट्रेनर से भी इस बारे में बात जरूर करे।


लम्बाई ना बढ़ने के कारण :
  • लंबाई के ना बढ़ने का पहला कारण आनुवंशिक (genetic) है, हमारे शरीर में जींस हमे माता पिता से ही मिलते है, यही कारण है की बच्चों की हाइट बढ़ना उनके माता पिता की हाइट पर निर्भर करता है।
  • माता पिता का कद लम्बा होने के बावजूद भी अगर बच्चे की लम्बाई कम है तो ये शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है।
  • कम उम्र में ही जिम में ज्यादा वजन उठाने से भी लम्बाई बढ़ना रुक जाता है। अगर आप कद बढ़ाने के उपाय कर रहे है तो gym मे जादा वेट ना उठाए।
  • पानी की कमी होना भी हाइट ग्रोथ ना होने का एक reason है। शरीर में पानी पर्याप्त हो तो सही तरीके से ग्रोथ होती है।
  • कद ना बढ़ने का एक कारण हार्मोन संतुलन बिगड़ना भी है। जो लोग नशा ज्यादा करते है व जो लोग जादा प्रदूषण वाले स्थान पर रहते है उनके साथ ये समस्या ज्यादा होती है।
जल्दी लम्बाई कैसे बढ़ाये उपाय और तरीके :-
1. अपने आहार में ऐसी चीजें खाए जो पोषक तत्वों से भरपूर हो। विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, मिनरल्स, कैल्शियम, जिंक, मॅग्नीज़ियम जैसे पोषक तत्व लंबाई बढ़ाने में काफी उपयोगी है।

2. हमारे शरीर का दो तिहाई हिस्सा पानी है, शरीर के सभी अंगों का विकास सही तरीके से हो इसके लिए जरुरी है की पानी की कमी ना हो। इसलिए लम्बे होने के लिए जरुरी है की पानी अधिक पिए।

3. लम्बे होने में आपकी diet का सबसे अहम् योगदान होता है। दही, दूध, दालें, बींस, मूँगफली, गाजर, पालक, चकुंदर और सेब जैसे आहार खाना height increase करने में मददगार है।

4. ऊंचाई बढ़ाने के लिए विटामिन डी भी ज़रूरी है, इससे हड्डियों के विकास मे मदद मिलती है। प्राकृतिक तरीके से विटामिन डी लेने के लिए सुबह सुबह कुछ समय सूरज की रोशनी में बैठे।

5. अश्वगंधा हाइट बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है। इस उपाय के लिए अश्वगंधा पाउडर गाय के दूध में मिला कर सेवन करे।

6. इन सब से साथ अगर आप अपने खाने में STEP ON को शामिल करते है तो ये बहुत ही लाभकारी होगा । STEP ON खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करे 

लम्बाई बढ़ाने के लिए उपयोगी डाइट की वीडियो :  https://www.youtube.com/watch?v=BgVFq8t2tlU&t=11s

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25 की उम्र के बाद भी कद लम्बा करने के तरीके

जल्दी लम्बाई कैसे बढ़ाये उपाय इन हिंदी: हाइट बढ़ाने के तरीके में अब तक हम ने एक्सरसाइज, योग के बारे जाना है और हम ने ये भी जाना तेज़ी से...

Saturday, August 4, 2018



दुनियाभर में लगभग 2 अरब 10 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हैं, जो चिंता का विषय है। मोटापे के प्रकोप और खतरे को देखते हुए 15 से 19 अक्तूबर तक विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। ऐसे में इस समस्या के बारे में जानना बेहत जरूरी है। 
मोटापा एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें शरीर पर वसा की परतें इतनी मात्रा में जम जाती हैं कि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाती हैं। आज दुनिया की कम-से-कम 20 प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। मोटापे को बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन माना जाता है कि यह 53 बीमारियों की वजह बन सकता है। इसकी वजह से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द, बांझपन आदि का खतरा बढ़ जाता है। खान-पान की गलत आदतें, जीवनशैली में बदलाव और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण यह समस्या लगातार गंभीर हो रही है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार भारत में स्कूल जाने वाले 20 प्रतिशत बच्चे ओवरवेट हैं।



1.       ह्रदय रोग- अतिरिक्त वजन आपके शरीर में उच्च रक्तचाप और बढ़े कोलेस्ट्रोल की संभावना भी बढ़ा देता है। इन दोनों ही समस्याओं से ह्रदयरोग या स्ट्रोक होता है। अच्छी खबर ये है की थोड़ा वजन घटाने पर ही इन खतरों को कम किया जा सकता है। संकल्प करें की अपना वज़न पांच से दस प्रतिशत घटाएंगे और आपकी दिल की सेहत भी जल्द अच्छी हो जाएगी।

टाइप 2 डायबिटीज- मधुमेह से पीड़ित ज्यादातर लोग मोटापे से भी ग्रसित होते हैं। तो अगर आपको किसी भी वजह से मधुमेह होने की संभावना है तो कुछ वजन कम करने की कोशिश करें, संतुलित आहार अपनाएं, पूरी नींद लें तथा भरपूर व्यायाम करें।
अगर आपको मधुमेह है तो वजन कम करना तथा जीवन में सक्रियता लाना आपके रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखेगा। शारीरिक स्तर पर सक्रीय रहने से मधुमेह की दवाओं पर आपकी निर्भरता भी घटेगी।

कैंसर- आँतों का कैंसर, मीनोपॉज के बाद स्तनों का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, किडनी और आहार नली के कैंसर आदि विभिन्न प्रकार के कैंसर को भी मोटापे से जोड़कर देखा जाता है। कई शोध बताते हैं की अंदरूनी अंगों के आस-पास वसा जम जाने पर कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

गाल ब्लैडर के रोग- गाल ब्लैडर के रोग तथा इसमें पथरी मोटापा हो जाने पर ज्यादा आम हो जाते हैं। पर तेज़ी से घटा वज़न भी गाल ब्लैडर की पथरी को जन्म दे सकता है। इसलिए ज़रूरी है की वज़न घटाने की ओर आक्रमक रवैया रखने की जगह हर हफ्ते आधा किलो वजन घटाने का लक्ष्य रखें।

ओस्टोआर्थराइटिस- ये जोड़ों की एक आम समस्या है जो अक्सर घुटनों, कूल्हों और कमर पर असर डालती है। शरीर में अतिरिक्त वसा और वज़न जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव बनाता है जो जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने लगता है। जोड़ों की रक्षा करने वाली कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होते है तकलीफ पैदा करने लगती है।

थोडा वजन कम करने से आपके जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा तथा आर्थराइटिस के लक्षणों से राहत देगा।

गाउट- गाउट या गठिया वात भी शरीर के जोड़ों पर डालता है। इसकी वजह रक्त में सामान्य से ज्यादा यूरिक एसिड होना है। ये अम्ल स्फटिक बनाकर जोड़ों पर चिपक जाता है जिससे गठिया वात की समस्या उत्पन्न होती है। ये समस्या मोटापे से ग्रसित लोगों में आम है। अगर आप इससे ग्रसित हैं तो वजन कम करने की कोशिश में आपको इस रोग के लक्षण और भी ज्यादा परेशान कर सकते हैं। ऐसा होने पर अपने चिकित्सक से बात करें तथा वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका पूछें।

स्लीप एपनिया- ये एक श्वास सम्बंधी रोग है जिसमें रोगी रात में बहुत गहरे खर्राटे लेता है और नींद में कुछ समय के लिए सांस रुक जाती है। ऐसा होने पर रात में बुरे सपने दिखते है, नींद अधूरी रह जाती है, दिन में नींद आती है तथा दिल के रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। इस समस्या की एक वजह मोटापा भी है। इसलिए वजन घटाने से आपकी नींद भी बेहतर हो सकती है।

सेक्स लाइफ पर पड़ता हैं इसका सीधा असर:- दोनों में से एक पार्टनर का भी वजन यदि ज्यादा हो| तो मोटे शरीर की वजह से सेक्स करते व़क्त वो अच्छा महसूस नहीं करता,जिसके कारण सेक्स लाइफ में वो मज़ा नहीं रह पाता हैं| और न तो वो रोमांस रह जाता हैं और न तो आप अपने पार्टनर को सेक्स करने के लिए उत्तेजित या आकर्षित नहीं कर पाते हैं| और इसकी वजह से वैवाहिक जीवन में समस्याएं आने लगती हैंं| वज़न स्टैमिना को भी प्रभावित करता है, स्टैमिना कम होने की वजह से ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में द़िक्क़त हो सकती हैं|

    
अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित है तो आप हमें संपर्क कर सकते है | आपको पूरी सही और कारगर उपाय बताया जायगा वजन काम करने के लिए | 

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मोटापे से होने वाली बीमारिया और उनके दुष्प्रभाव

दुनियाभर में लगभग 2 अरब 10 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हैं , जो चिंता का विषय है। मोटापे के प्रकोप और खतरे को देखते हुए 15 से 19 अक्तूब...

Thursday, August 2, 2018

 

  जोड़ों में दर्द के लक्षण

जोड़ों को मोड़ने में परेशानी होना
जोड़ों का लाल होना
जोड़ों में खिंचाव महसूस होना
जोड़ों पर कठोरता होना
चलने- फिरने में दिक्कत होना
जोड़ों में अकड़न आना
जोड़ों में सूजन और दर्द
जोड़ों में कमजोरी होना

जॉइंट पेन की अहम वजह

बढ़ती उम्र के साथ ही होने वाली कुछ तकलीफें जोड़ों में दर्द के मुख्य कारण होते हैं जैसे कि-
हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रूकावट आना
रक्त का कैंसर होना
हड्डियों में मिनरल यानि की खनिज की कमी होना
जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ना
जोड़ों में इंफेक्शन होना
हड्डियों का टूटना
मोच आना या चोट लगना
हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना
अर्थराइटिस
बर्साइटिस
ऑस्टियोकोंड्राइटि
कार्टिलेज का फटना
कार्टिलेज का घिस जाना

दोस्तों हमने जॉइंट पेन होने के कारण और लक्षण जान लिया अब बारी है इससे राहत पाने के उपाय जानने की पर इसके पहले हम आपको बता दें कि जॉइंट पेन की समस्या काफी तादाद में लोगों में पाई जाती है और इसके लिए डॉक्टर और अस्पताल के पास चक्कर लगाने से ज्यादा फायदेमंद होगा अगर हम अपनी कुछ गलत आदतों में लाएं बदलाव, बरतें कुछ सावधानियां और आजमाएं कुछ आसान घरेलू नुस्खें तो हम पा जाएंगे राहत जोड़ों के दर्द से वह भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के ।

जोड़ों के दर्द से राहत के उपाय

1. लहसुन 
लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं। खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें। इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इस विधि को दिन में दो बार किया जा सकता है। लहसुन के औषधीय गुण गर्दन के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं। 
2. हल्दी 
हल्दी रक्त संचार तेज करके जोड़ों के दर्द से आराम देती है और गर्दन की अकड़न को भी कम करती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा हल्दी का इस्तेमाल करें।
3. दूध पीएं
दूध से हड्डियों को कैल्श्यिम और विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। यदि दूध पसंद न हो तो दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि भी खाए जा सकते हैं।
4. अदरक 
अदरक औषधीय गुणों से भरपूर है जो कि रक्त संचार को तेज करती है जिससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है। पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं। और दिन में 3 बार इस चाय को पिएं। प्रभावित हिस्से की अदरक के तेल से मसाज भी आराम मिलेगा।
5. सेब साइडर सिरका
किसी कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले हिस्से पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें। दो कप सेब साइडर सिरका को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है। एक गिलास पानी में कच्चा सेब साइडर सिरका और शहद मिलाकर पीने से भी दर्द में आराम होगा।
6. लाल मिर्च पाउडर 
एक कप नारियल के तेल को गरम करके, उसमें दो बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण से प्रभावित हिस्से पर लगाकर तकरीबन 20 मिनट के लिए छोड़ दें। ज्यादा आराम के लिए इस मिश्रण को प्रतिदिन दर्द वाले हिस्से पर लगाएं।
7. बी एक्टिव
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हमेशा एक्टिव रहें, यानि जोड़ों की मूवमेंट होती रहनी चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है।
8. गर्म और ठंडी सिकाई 
गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें। जबकि, ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें। सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में दोहराएं। इस विधि को आराम होने तक दिन में दो बार करें।
जोड़ों के दर्द से निजात के लिए गर्म और ठंडी सिकाई करने से आराम मिलता है और गर्म सिकाई करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है।
9. जोड़ों को चोट से बचाएं 
जोड़ों पर लगी चोट, हड्डी को तोड़ भी सकती है, इसलिए जोड़ों को चोट से बचाकर रखें। जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर हो, तो ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स पहनें। टेनिस और गोल्फ खेलते समय भी ब्रेसेस  पहनें।
10. वेट कंट्रोल
शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज  के टूटने का डर रहता है। ऐसे में वजन को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।
11. स्ट्रेचिंग ज्यादा न करे
व्यायाम में स्ट्रेचिंग केवल हफ्ते में तीन बार करें। स्ट्रेचिंग को एकदम शुरू करने की जगह, इससे पहले वार्म अप व्यायाम करें।
12. सही पोश्चर बनाए रखें 
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सही पोश्चर में उठना, बैठना और चलना बेहद जरूरी है। सही पोश्चर गर्दन से लेकर घुटनों तक के जोड़ों की रक्षा करता है।
13. एक्सरसाइज
जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। तैराकी भी जोड़ों के दर्द से राहत के लिए अच्छा व्यायाम होती है।
14. मालिश 
मालिश से शरीर के दर्द में बेहद आराम मिलता है, यही प्रक्रिया जोड़ों के दर्द में भी लागू होती है। नारियल, जैतून, सरसों या लहसुन के तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें। हल्के हाथों से दबाव देते हुए दर्द वाले हिस्से को मलें। ऐसा करने से दर्द से राहत मिलेगी।

जोड़ो के दर्द के लक्षण और उपाय

    जोड़ों में दर्द के लक्षण • जोड़ों को मोड़ने में परेशानी होना • जोड़ों का लाल होना • जोड़ों में खिंचाव महसूस होना • जोड़ों प...
पेट की बढ़ती चर्बी कई परेशानियों का कारण हो सकता है। सबसे पहले तो यह आपके लुक को खराब करता है इसके अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। अनियमित खानपान और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण यह समस्या होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए लोग कुछ ऐसे उपायों की तलाश में रहते हैं जो उनके पेट पर जमा चर्बी को झट से गायब कर दे। इसके लिए लोग तमाम कोशिश करते हैं लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाते हैं। लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे आसान व असरकारी उपाय जो आपके पेट पर जमा चर्बी को सात दिनों में गायब कर सकते हैं। जानिए हमारे साथ उन बेहद आसान उपायों के बारे में: 
उपवास करें
हफ्ते में एक दिन उपवास करना शरीर के लाभकारी हो सकता है। अगर आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं। खाने का सामान सामने आते ही खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें। इस दौरान सिर्फ पेय पदार्थों या फलों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो सब्जियों का सलाद या फ्रूट सलाद खा सकते हैं। सलाद शरीर के फायदेमंद होने के साथ वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है।
योगा करें
पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन अच्छा विकल्प है। हर सुबह नियमित रुप से योगा करने पर शरीर पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है। ध्यान रहें योगासनों का चुनाव करते समय पेट की चर्बी घटाने वाले योग को ही चुनें। योग शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से दूर रखता है। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है। 
जंकफूड को कहें ना
अगर आप पेट की चर्बी कम करने के लिए गंभीर हैं तो जंकफूड से दूरी बनाए रखें क्योंकि जंकफूड तेजी से वजन बढ़ाने का काम करता है। कोशिश करें कम तेल मसाले वाली चीजों का सेवन ही करें। कभी-कभी स्टीम सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद साबित हो सकता है। सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खाना चाहिए। 
गुणकारी शहद 
वजन घटाने या मोटपा कम करने के लिए शहद का सेवन भी फायदेमंद होता है। गुणकारी शहद की थोड़ी सी मात्रा रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ मिलकार पीएं और फर्क देंखे। इससे आपके पेट पर जमा चर्बी कुछ दिनों में ही गायब हो जाएगी।
ग्रीन टी का सेवन 
अगर आप चाय के शौकीन हैं तो दूध की चाय को बॉय-बॉय कहें और ग्रीन टी पीने की आदत डालें। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी, लेमन टी या फिर ब्लैक टी लें। दरअसल, दूध की चाय पीने से आपके मोटापा बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
टहलना ना भूलें 
सुबह-शाम की सैर शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखती है। पेट की चर्बी को दूर करने के लिए रोजाना सुबह उठकर कुछ देर सैर पर जाएं और रात के खाने के बाद तुरंत सोने की जगह कुछ देर टहलें। इससे आप अतिरिक्त कैलोरी को आसानी से कम कर पाएंगे और पेट की अतिरिक्त चर्बी को भी कम किया जा सकता है।

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7 दिनों में पेट की चर्बी कम करने के उपाय

पेट की बढ़ती चर्बी कई परेशानियों का कारण हो सकता है। सबसे पहले तो यह आपके लुक को खराब करता है इसके अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन स...

Wednesday, August 1, 2018


क्या आप जानते है मोटापा बढ़ने का क्या कारण है | यदि नहीं तो हम आज आपको मोटापा बढ़ने के कुछ प्रमुख कारण बताएँगे जिनका से लाभ उठा सकते है |

यदि आप भी उन लोगों में से हैं जो अपने बढ़ते हुए वज़न को ले के परेशान हैं तो आप इसकी वजहों को जानने में interested  होंगे | और यदि आप इस असमंजस में हैं कि आपका वज़न सही है या नहीं तो कृपया इस पढ़ें : कैसे जानें आपका वज़न सही है या नहीं ?

Weight बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीदा-साधा है | यदि आप खाने-पीने के रूप में  जितनी Calories ले रहे हैं उतनी burn  नहीं करेंगे तो आपका weight बढ़ना तय है | दरअसल बची हुई Calorie ही हमारे शरीर में fat के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है.

यहाँ मैं आपको साथ Weight बढ़ने के Top  10 कारण share करूँगा

1. खान–पान :  Weight  बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण होता है हमारा खान-पान. यदि हमारे खाने में कैलोरी की मात्र अधिक होगी तो वज़न बढ़ने के chances  ज्यादा हो जाते हैं. अधिक तला-भुना , fast-food, देशी घी, cold-drink  आदि पीने से शरीर में ज़रुरत से ज्यादा calories इकठ्ठा हो जाती  हैं जिसे हम बिना extra effort के burn नहीं कर पाते और नतीजा हमारे बढे हुए वज़न के रूप में दिखाई देता है. यदि आप इस बात की जानकारी रखें कि आपके शरीर को हर दिन कितने कैलोरी की आवश्यकता है और उतना ही consume करें तो आपका weight  नहीं बढेगा |

2. Inactive होना : अगर आपकी दिनचर्या ऐसी है कि आपको ज्यादा हाथ-पाँव नहीं हिलाने पड़ते तो आपका weight बढ़ना लगभग तय है. ख़ास तौर पर जो लोग घर में ही रहते हैं या दिन भर कुर्सी पर बैठ कर ही काम करते हैं उन्हें जान-बूझ कर अपनी daily-life  में कुछ physical activity involve  करनी चाहिए. जैसे कि आप lift  की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें, अपने interest का कोई खेल खेलें , जैसे कि badminton, table-tennis, इत्यादि. यदि आप एक treadmill या एक gym cycle afford  कर सकें और उसे नियमित रूप से प्रयोग करें तो काफी लाभदायक होगा. वैसे सबसे सस्ता और सरल उपाय है कि आप रोज़ कुछ देर टहलने की आदत डाल लें |

3. अनुवांशिक(Genetics) कारण: यदि आपके माता-पिता में से किसी एक का  भी  वज़न बहुत ज्यादा है तो आपका वज़न भी ज्यादा होने की सम्भावना बढ़ जाती है |  इसके आलावा genetics का असर आपको कितनी भूख लगती है, आपके शरीर में कितना far और muscle है , पर भी पड़ता है | यह व्यक्ति के metabolic rate और उसका शरीर inactive होने पर कितनी कैलोरी जलाता है इस पर भी प्रभाव डालता है|

4. Age :  उम्र के साथ weight का बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे जैसे age  बढती है हमारी मान्श्पेशियाँ fat  में convert  होती जाती हैं | Fat की मात्र बढ़ने के कारण diabetes और hypertension होने का खतरा बढ़ जाता है | उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारी मेटाबोलिस्म में भी कमी आ जाती है , इस वजह से औरतों में वज़न बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है |

5. Gender:   आपका स्त्री या पुरुष होना भी  आपके weight पर असर डालता है | आमतौर पर स्त्रीयां पुरुषों से कम calories use करती हैं , इसलिए उनका वज़न बढ़ने की सम्भावना ज्यादा होती है | स्त्रीयों के body में fat  की मात्रा पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है | एक normal weight की स्वस्थ्य स्त्री के शरीर में 25% fat content होता है जबकि ऐसे ही  एक पुरुष में यह मात्र सिर्फ 15%  होती है |

6. मनोवैज्ञानिक कारण : कई बार weight बढ़ने का कारण psychological  होता है | Emotional problems, या  depression की वजह से व्यक्ति ज्यादा खाने-पीने लगता है | जिस वजह से वज़न बढ़ जाता है.

7.गर्भावस्था : Pregnancy के दौरान weight का बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है | आमतौर पर किसी महिला का वज़न 5 से  10 किलो तक बढ़ जाता है, जो कि शिशु को पोषण पहुंचाने के लिए ज़रूरी है |

8. दवाईयां (Medicines) : कुछ ख़ास तरह की दवाईयां आपका weight बढ़ा सकती हैं. जैसे कि antidepressants या  corticosteroids, Birth Control pills खाने से भी वज़न ढाई किलो तक बढ़ सकता है |

9. बीमारी : बीमारी में भी weight बढ़ सकता है, क्योंकि इस दौरान इंसान की गतिविधियाँ बहुत कम हो जाती हैं, और body  में fat बढ़ सकता है |

10.Smoking छोड़ने पर:  सिग्रेट पीना छोड़ने के बाद व्यक्ति का वज़न 3-4 किलो तक बढ़ सकता है | पर smoking quit करने पर होने वाले फायदे इसकी अपेक्षा कहीं अधिक हैं,  इसलिए इसे छोड़ने में ही भलाई है |

यदि आप मोटापे  से परेशान है तो मैं आपको अपने blog में बताऊंगा मोटापा कैसे कम करें |
ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करे : 8375-986-986




वजन बढ़ने के 10 प्रमुख कारण

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