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Saturday, August 4, 2018

मोटापे से होने वाली बीमारिया और उनके दुष्प्रभाव



दुनियाभर में लगभग 2 अरब 10 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हैं, जो चिंता का विषय है। मोटापे के प्रकोप और खतरे को देखते हुए 15 से 19 अक्तूबर तक विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। ऐसे में इस समस्या के बारे में जानना बेहत जरूरी है। 
मोटापा एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें शरीर पर वसा की परतें इतनी मात्रा में जम जाती हैं कि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाती हैं। आज दुनिया की कम-से-कम 20 प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। मोटापे को बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन माना जाता है कि यह 53 बीमारियों की वजह बन सकता है। इसकी वजह से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द, बांझपन आदि का खतरा बढ़ जाता है। खान-पान की गलत आदतें, जीवनशैली में बदलाव और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण यह समस्या लगातार गंभीर हो रही है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार भारत में स्कूल जाने वाले 20 प्रतिशत बच्चे ओवरवेट हैं।



1.       ह्रदय रोग- अतिरिक्त वजन आपके शरीर में उच्च रक्तचाप और बढ़े कोलेस्ट्रोल की संभावना भी बढ़ा देता है। इन दोनों ही समस्याओं से ह्रदयरोग या स्ट्रोक होता है। अच्छी खबर ये है की थोड़ा वजन घटाने पर ही इन खतरों को कम किया जा सकता है। संकल्प करें की अपना वज़न पांच से दस प्रतिशत घटाएंगे और आपकी दिल की सेहत भी जल्द अच्छी हो जाएगी।

टाइप 2 डायबिटीज- मधुमेह से पीड़ित ज्यादातर लोग मोटापे से भी ग्रसित होते हैं। तो अगर आपको किसी भी वजह से मधुमेह होने की संभावना है तो कुछ वजन कम करने की कोशिश करें, संतुलित आहार अपनाएं, पूरी नींद लें तथा भरपूर व्यायाम करें।
अगर आपको मधुमेह है तो वजन कम करना तथा जीवन में सक्रियता लाना आपके रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखेगा। शारीरिक स्तर पर सक्रीय रहने से मधुमेह की दवाओं पर आपकी निर्भरता भी घटेगी।

कैंसर- आँतों का कैंसर, मीनोपॉज के बाद स्तनों का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, किडनी और आहार नली के कैंसर आदि विभिन्न प्रकार के कैंसर को भी मोटापे से जोड़कर देखा जाता है। कई शोध बताते हैं की अंदरूनी अंगों के आस-पास वसा जम जाने पर कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

गाल ब्लैडर के रोग- गाल ब्लैडर के रोग तथा इसमें पथरी मोटापा हो जाने पर ज्यादा आम हो जाते हैं। पर तेज़ी से घटा वज़न भी गाल ब्लैडर की पथरी को जन्म दे सकता है। इसलिए ज़रूरी है की वज़न घटाने की ओर आक्रमक रवैया रखने की जगह हर हफ्ते आधा किलो वजन घटाने का लक्ष्य रखें।

ओस्टोआर्थराइटिस- ये जोड़ों की एक आम समस्या है जो अक्सर घुटनों, कूल्हों और कमर पर असर डालती है। शरीर में अतिरिक्त वसा और वज़न जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव बनाता है जो जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने लगता है। जोड़ों की रक्षा करने वाली कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होते है तकलीफ पैदा करने लगती है।

थोडा वजन कम करने से आपके जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा तथा आर्थराइटिस के लक्षणों से राहत देगा।

गाउट- गाउट या गठिया वात भी शरीर के जोड़ों पर डालता है। इसकी वजह रक्त में सामान्य से ज्यादा यूरिक एसिड होना है। ये अम्ल स्फटिक बनाकर जोड़ों पर चिपक जाता है जिससे गठिया वात की समस्या उत्पन्न होती है। ये समस्या मोटापे से ग्रसित लोगों में आम है। अगर आप इससे ग्रसित हैं तो वजन कम करने की कोशिश में आपको इस रोग के लक्षण और भी ज्यादा परेशान कर सकते हैं। ऐसा होने पर अपने चिकित्सक से बात करें तथा वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका पूछें।

स्लीप एपनिया- ये एक श्वास सम्बंधी रोग है जिसमें रोगी रात में बहुत गहरे खर्राटे लेता है और नींद में कुछ समय के लिए सांस रुक जाती है। ऐसा होने पर रात में बुरे सपने दिखते है, नींद अधूरी रह जाती है, दिन में नींद आती है तथा दिल के रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। इस समस्या की एक वजह मोटापा भी है। इसलिए वजन घटाने से आपकी नींद भी बेहतर हो सकती है।

सेक्स लाइफ पर पड़ता हैं इसका सीधा असर:- दोनों में से एक पार्टनर का भी वजन यदि ज्यादा हो| तो मोटे शरीर की वजह से सेक्स करते व़क्त वो अच्छा महसूस नहीं करता,जिसके कारण सेक्स लाइफ में वो मज़ा नहीं रह पाता हैं| और न तो वो रोमांस रह जाता हैं और न तो आप अपने पार्टनर को सेक्स करने के लिए उत्तेजित या आकर्षित नहीं कर पाते हैं| और इसकी वजह से वैवाहिक जीवन में समस्याएं आने लगती हैंं| वज़न स्टैमिना को भी प्रभावित करता है, स्टैमिना कम होने की वजह से ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में द़िक्क़त हो सकती हैं|

    
अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित है तो आप हमें संपर्क कर सकते है | आपको पूरी सही और कारगर उपाय बताया जायगा वजन काम करने के लिए | 

हमारा मोबाइल नंबर है : 8375-986-986 








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Mahalaxmi

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